Wednesday, April 13, 2011

Panchamukha Hanuman Sthothram





I have come across many Hanuman temples. But the one temple that comes uppermost in my mind is the Panchamukha Hanuman temple near Secunderabad Railway station. It is situated opposite the Gandhi Hospital on a side road leading from the railway station on the left. This temple is ancient and the whole premises is shaded by a huge banyan tree and a neem tree is in the front. The idol of Lord Hanuman is "swayambu", meaning the image is formed on the rock and not sculpted as by popular belief. The whole prahara is on a rock formation. This Hanuman is considered famous and powerful and He is believed to favour the devotees with his munificence of blessings. The Hanuman here has regular stream of visitors and onThursdays and Saturdays crowds throng to seek His blessings.


I give below the "Panchamukha Hanuman Sloka". Each face of the Hanuman has a sloka or hymn with   separate set of boons conferred by Him
East Face:  Lord Hnuman(Prayer to subdue fears and enemies)
Om NamO BhagavathE  PanchavadhanAya
POrvakabhimukhE Sakala Chathru SamhAranAya swAhA|


South Face:  Lord Narasimha (Prayer to overcome fears, bad times, inimical forces)
Om NamO BhagavathE  PanchavadhanAya
KarAla VadhanAya NrsimhAya Sakala BhOtha PrEdha PradhmanAya SwahA|


West Face: Lord GarudA( to get free from toxic effects and bodily discomforts)
Om NamO BhagavathE  PanchavadhanAya
Paschima MukhE GarudAya Sakala Visha HaranAya SwAha|


North Face: Lord VarAha(To remove povery and ge affluence)
Om NamO BhagavathE  PanchavadhanAya
Utthara MukhE AdivarAhAya Sakala SampathkarAya SwAha|


Upper Face: Lord HayagrEva( For success in education, winning people by personal magnetism, success in speech)
Om NamO BhagavathE  PanchavadhanAya
Ordhva MukhE HayagrEvAya Sakala Jana VasEkaranAya SwAha|


PS
The picture of Pancha Mukha Hanuman is not that of the temple at Secunderabad but taken fromwww.agasthiar.org

Sunday, April 10, 2011

Prayer For Achieving success in any endeavor

The following prayer to the elephant faced god Vinayaka is believed to confer boons by Him for success in any endeavor!. This prayer is part of the Ganapathi SahasranAma and is considered its essence.
Sumugaischaiga Dhantascha KabilO Gajakarnaka:|
LambOdharascha VikatO VignarAjO VinAyaka:|
DhOmrakedhur GanAdhyakshO BAlachandhrO GajAnana:|
VakrathundO SOrpakarnO HErambhas SkandaPOrvaja:|
AshtAvashtou Cha NAmAni ya:patEschrunuyAdhabhi|
VidhyArambe VivAhe Cha PravEsE NirghamE dhadha|
SamgrAmE SarvakaryEshu Vignasthasya NajAyathE|

Hanuman Manthra Chamatkaaranushtan

Hanuman Manthra Chamatkaaranushtan(Sanskrit)

१॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, वायु-सुताय, अञ्जनी-गर्भ-सम्भूताय, अखण्ड-ब्रह्मचर्य-व्रत-पालन-तत्पराय, धवली-कृत-जगत्-त्रितयाय, ज्वलदग्नि-सूर्य-कोटि-समप्रभाय, प्रकट-पराक्रमाय, आक्रान्त-दिग्-मण्डलाय, यशोवितानाय, यशोऽलंकृताय, शोभिताननाय, महा-सामर्थ्याय, महा-तेज-पुञ्जः-विराजमानाय, श्रीराम-भक्ति-तत्पराय, श्रीराम-लक्ष्मणानन्द-कारणाय, कवि-सैन्य-प्राकाराय, सुग्रीव-सख्य-कारणाय, सुग्रीव-साहाय्य-कारणाय, ब्रह्मास्त्र-ब्रह्म-शक्ति-ग्रसनाय, लक्ष्मण-शक्ति-भेद-निवारणाय, शल्य-विशल्यौषधि-समानयनाय, बालोदित-भानु-मण्डल-ग्रसनाय, अक्षकुमार-छेदनाय, वन-रक्षाकर-समूह-विभञ्जनाय, द्रोण-पर्वतोत्पाटनाय, स्वामि-वचन-सम्पादितार्जुन, संयुग-संग्रामाय, गम्भीर-शब्दोदयाय, दक्षिणाशा-मार्तण्डाय, मेरु-पर्वत-पीठिकार्चनाय, दावानल-कालाग्नि-रुद्राय, समुद्र-लंघनाय, सीताऽऽश्वासनाय, सीता-रक्षकाय, राक्षसी-संघ-विदारणाय, अशोक-वन-विदारणाय, लंका-पुरी-दहनाय, दश-ग्रीव-शिरः-कृन्त्तकाय, कुम्भकर्णादि-वध-कारणाय, बालि-निर्वहण-कारणाय, मेघनाद-होम-विध्वंसनाय, इन्द्रजित-वध-कारणाय, सर्व-शास्त्र-पारंगताय, सर्व-ग्रह-विनाशकाय, सर्व-ज्वर-हराय, सर्व-भय-निवारणाय, सर्व-कष्ट-निवारणाय, सर्वापत्ति-निवारणाय, सर्व-दुष्टादि-निबर्हणाय, सर्व-शत्रुच्छेदनाय, भूत-प्रेत-पिशाच-डाकिनी-शाकिनी-ध्वंसकाय, सर्व-कार्य-साधकाय, प्राणि-मात्र-रक्षकाय, राम-दूताय-स्वाहा।।

२॰ ॐ नमो हनुमते, रुद्रावताराय, विश्व-रुपाय, अमित-विक्रमाय, प्रकट-पराक्रमाय, महा-बलाय, सूर्य-कोटि-समप्रभाय, राम-दूताय-स्वाहा।।

३॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय राम-सेवकाय, राम-भक्ति-तत्पराय, राम-हृदयाय, लक्ष्मण-शक्ति-भेद-निवारणाय, लक्ष्मण-रक्षकाय, दुष्ट-निबर्हणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

४॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्व-शत्रु-संहारणाय, सर्व-रोग-हराय, सर्व-वशीकरणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

५॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, आध्यात्मिकाधि-दैविकाधि-भौतिक-ताप-त्रय-निवारणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

६॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, देव-दानवर्षि-मुनि-वरदाय, राम-दूताय स्वाहा।।

७॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, भक्त-जन-मनः-कल्पना-कल्पद्रुमाय, दुष्ट-मनोरथ-स्तम्भनाय, प्रभञ्जन-प्राण-प्रियाय, महा-बल-पराक्रमाय, महा-विपत्ति-निवारणाय, पुत्र-पौत्र-धन-धान्यादि-विविध-सम्पत्-प्रदाय, राम-दूताय स्वाहा।।

८॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, वज्र-देहाय, वज्र-नखाय, वज्र-मुखाय, वज्र-रोम्णे, वज्र-नेत्राय, वज्र-दन्ताय, वज्र-कराय, वज्र-भक्ताय, राम-दूताय स्वाहा।।

९॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पर-यन्त्र-मन्त्र-तन्त्र-त्राटक-नाशकाय, सर्व-ज्वरच्छेदकाय, सर्व-व्याधि-निकृन्त्तकाय, सर्व-भय-प्रशमनाय, सर्व-दुष्ट-मुख-स्तम्भनाय, सर्व-कार्य-सिद्धि-प्रदाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१०॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, देव-दानव-यक्ष-राक्षस-भूत-प्रेत-पिशाच-डाकिनी-शाकिनी-दुष्ट-ग्रह-बन्धनाय, राम-दूताय स्वाहा।।

११॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पँच-वदनाय पूर्व-मुखे सकल-शत्रु-संहारकाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१२॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पञ्च-वदनाय दक्षिण-मुखे कराल-वदनाय, नारसिंहाय, सकल-भूत-प्रेत-दमनाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१३॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पञ्च वदनाय पश्चिम-मुखे गरुडाय, सकल-विष-निवारणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१४॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पञ्च वदनाय उत्तर मुखे आदि-वराहाय, सकल-सम्पत्-कराय, राम-दूताय स्वाहा।।

१५॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, उर्ध्व-मुखे, हय-ग्रीवाय, सकल-जन-वशीकरणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१६॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, सर्व-ग्रहान, भूत-भविष्य-वर्त्तमानान्- समीप-स्थान् सर्व-काल-दुष्ट-बुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय पर-बलानि क्षोभय-क्षोभय, मम सर्व-कार्याणि साधय-साधय स्वाहा।।

१७॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पर-कृत-यन्त्र-मन्त्र-पराहंकार-भूत-प्रेत-पिशाच-पर-दृष्टि-सर्व-विध्न-तर्जन-चेटक-विद्या-सर्व-ग्रह-भयं निवारय निवारय स्वाहा।।

१८॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, डाकिनी-शाकिनी-ब्रह्म-राक्षस-कुल-पिशाचोरु-भयं निवारय निवारय स्वाहा।।

१९॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, भूत-ज्वर-प्रेत-ज्वर-चातुर्थिक-ज्वर-विष्णु-ज्वर-महेश-ज्वर निवारय निवारय स्वाहा।।

२०॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, अक्षि-शूल-पक्ष-शूल-शिरोऽभ्यन्तर-शूल-पित्त-शूल-ब्रह्म-राक्षस-शूल-पिशाच-कुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।।

Friday, April 8, 2011

Hanuman Manthra Chamatkaaranushtan

Hanuman Manthra Chamatkaaranushtan

१॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, वायु-सुताय, अञ्जनी-गर्भ-सम्भूताय, अखण्ड-ब्रह्मचर्य-व्रत-पालन-तत्पराय, धवली-कृत-जगत्-त्रितयाय, ज्वलदग्नि-सूर्य-कोटि-समप्रभाय, प्रकट-पराक्रमाय, आक्रान्त-दिग्-मण्डलाय, यशोवितानाय, यशोऽलंकृताय, शोभिताननाय, महा-सामर्थ्याय, महा-तेज-पुञ्जः-विराजमानाय, श्रीराम-भक्ति-तत्पराय, श्रीराम-लक्ष्मणानन्द-कारणाय, कवि-सैन्य-प्राकाराय, सुग्रीव-सख्य-कारणाय, सुग्रीव-साहाय्य-कारणाय, ब्रह्मास्त्र-ब्रह्म-शक्ति-ग्रसनाय, लक्ष्मण-शक्ति-भेद-निवारणाय, शल्य-विशल्यौषधि-समानयनाय, बालोदित-भानु-मण्डल-ग्रसनाय, अक्षकुमार-छेदनाय, वन-रक्षाकर-समूह-विभञ्जनाय, द्रोण-पर्वतोत्पाटनाय, स्वामि-वचन-सम्पादितार्जुन, संयुग-संग्रामाय, गम्भीर-शब्दोदयाय, दक्षिणाशा-मार्तण्डाय, मेरु-पर्वत-पीठिकार्चनाय, दावानल-कालाग्नि-रुद्राय, समुद्र-लंघनाय, सीताऽऽश्वासनाय, सीता-रक्षकाय, राक्षसी-संघ-विदारणाय, अशोक-वन-विदारणाय, लंका-पुरी-दहनाय, दश-ग्रीव-शिरः-कृन्त्तकाय, कुम्भकर्णादि-वध-कारणाय, बालि-निर्वहण-कारणाय, मेघनाद-होम-विध्वंसनाय, इन्द्रजित-वध-कारणाय, सर्व-शास्त्र-पारंगताय, सर्व-ग्रह-विनाशकाय, सर्व-ज्वर-हराय, सर्व-भय-निवारणाय, सर्व-कष्ट-निवारणाय, सर्वापत्ति-निवारणाय, सर्व-दुष्टादि-निबर्हणाय, सर्व-शत्रुच्छेदनाय, भूत-प्रेत-पिशाच-डाकिनी-शाकिनी-ध्वंसकाय, सर्व-कार्य-साधकाय, प्राणि-मात्र-रक्षकाय, राम-दूताय-स्वाहा।।

२॰ ॐ नमो हनुमते, रुद्रावताराय, विश्व-रुपाय, अमित-विक्रमाय, प्रकट-पराक्रमाय, महा-बलाय, सूर्य-कोटि-समप्रभाय, राम-दूताय-स्वाहा।।

३॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय राम-सेवकाय, राम-भक्ति-तत्पराय, राम-हृदयाय, लक्ष्मण-शक्ति-भेद-निवारणाय, लक्ष्मण-रक्षकाय, दुष्ट-निबर्हणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

४॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्व-शत्रु-संहारणाय, सर्व-रोग-हराय, सर्व-वशीकरणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

५॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, आध्यात्मिकाधि-दैविकाधि-भौतिक-ताप-त्रय-निवारणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

६॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, देव-दानवर्षि-मुनि-वरदाय, राम-दूताय स्वाहा।।

७॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, भक्त-जन-मनः-कल्पना-कल्पद्रुमाय, दुष्ट-मनोरथ-स्तम्भनाय, प्रभञ्जन-प्राण-प्रियाय, महा-बल-पराक्रमाय, महा-विपत्ति-निवारणाय, पुत्र-पौत्र-धन-धान्यादि-विविध-सम्पत्-प्रदाय, राम-दूताय स्वाहा।।

८॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, वज्र-देहाय, वज्र-नखाय, वज्र-मुखाय, वज्र-रोम्णे, वज्र-नेत्राय, वज्र-दन्ताय, वज्र-कराय, वज्र-भक्ताय, राम-दूताय स्वाहा।।

९॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पर-यन्त्र-मन्त्र-तन्त्र-त्राटक-नाशकाय, सर्व-ज्वरच्छेदकाय, सर्व-व्याधि-निकृन्त्तकाय, सर्व-भय-प्रशमनाय, सर्व-दुष्ट-मुख-स्तम्भनाय, सर्व-कार्य-सिद्धि-प्रदाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१०॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, देव-दानव-यक्ष-राक्षस-भूत-प्रेत-पिशाच-डाकिनी-शाकिनी-दुष्ट-ग्रह-बन्धनाय, राम-दूताय स्वाहा।।

११॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पँच-वदनाय पूर्व-मुखे सकल-शत्रु-संहारकाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१२॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पञ्च-वदनाय दक्षिण-मुखे कराल-वदनाय, नारसिंहाय, सकल-भूत-प्रेत-दमनाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१३॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पञ्च वदनाय पश्चिम-मुखे गरुडाय, सकल-विष-निवारणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१४॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पञ्च वदनाय उत्तर मुखे आदि-वराहाय, सकल-सम्पत्-कराय, राम-दूताय स्वाहा।।

१५॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, उर्ध्व-मुखे, हय-ग्रीवाय, सकल-जन-वशीकरणाय, राम-दूताय स्वाहा।।

१६॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, सर्व-ग्रहान, भूत-भविष्य-वर्त्तमानान्- समीप-स्थान् सर्व-काल-दुष्ट-बुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय पर-बलानि क्षोभय-क्षोभय, मम सर्व-कार्याणि साधय-साधय स्वाहा।।

१७॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पर-कृत-यन्त्र-मन्त्र-पराहंकार-भूत-प्रेत-पिशाच-पर-दृष्टि-सर्व-विध्न-तर्जन-चेटक-विद्या-सर्व-ग्रह-भयं निवारय निवारय स्वाहा।।

१८॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, डाकिनी-शाकिनी-ब्रह्म-राक्षस-कुल-पिशाचोरु-भयं निवारय निवारय स्वाहा।।

१९॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, भूत-ज्वर-प्रेत-ज्वर-चातुर्थिक-ज्वर-विष्णु-ज्वर-महेश-ज्वर निवारय निवारय स्वाहा।।

२०॰ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय, अक्षि-शूल-पक्ष-शूल-शिरोऽभ्यन्तर-शूल-पित्त-शूल-ब्रह्म-राक्षस-शूल-पिशाच-कुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।।

Hanuman Chamatkaaranushtaan|

HanumAn ChamatkAranushtAn
1.0 OAM namO hanumatE rudrA vatArAya, vAyu-sutAya, anjanI-garbha-sambhUtAya, akhaNDa-brahmacarya-vrata-pAlana-tatparAya, dhavalI-kRta-jagat-tritayAya, jvaladagni-sUrya-kOTi-samaprabhAya, prakaTa-parAkramAya, AkrAnta-dig-maNDalAya, yaSOvitAnAya, yaSOlaMkRtAya, SObhitAnanAya, mahA-sAmarthyAya, mahA-tEja-pu~nja@h-virAjamAnAya, SrIrAma-bhakti-tatparAya, SrIrAma-lakshmaNAnanda-kAraNAya, kavi-sainya-prAkArAya, sugrIva-sakhya-kAraNAya, sugrIva-sAhAyya-kAraNAya, brahmAstra-brahma-Sakti-grasanAya, lakshmaNa-Sakti-bhEda-nivAraNAya, Salya-viSalyaushadhi-samAnayanAya, bAlOdita-bhAnu-maNDala-grasanAya, akshakumAra-ChEdanAya, vana-rakshAkara-samUha-vibha~njanAya, drONa-parvatOtpATanAya, svAmi-vacana-sampAditArjuna, saMyuga-saMgrAmAya, gambhIra-SabdOdayAya, dakshiNASA-mArtaNDAya, mEru-parvata-pIThikArcanAya, dAvAnala-kAlAgni-rudrAya, samudra-laMghanAya, sItASvAsanAya, sItA-rakshakAya, rAkshasI-saMgha-vidAraNAya, aSOka-vana-vidAraNAya, laMkA-purI-dahanAya, daSa-grIva-Sira@h-kRnttakAya, kumbhakarNAdi-vadha-kAraNAya, bAli-nirvahaNa-kAraNAya, mEghanAda-hOma-vidhvaMsanAya, indrajita-vadha-kAraNAya, sarva-SAstra-pAraMgatAya, sarva-graha-vinASakAya, sarva-jvara-harAya, sarva-bhaya-nivAraNAya, sarva-kashTa-nivAraNAya, sarvApatti-nivAraNAya, sarva-dushTAdi-nibarhaNAya, sarva-SatrucChEdanAya, bhUta-prEta-piSAca-DAkinI-SAkinI-dhvaMsakAya, sarva-kArya-sAdhakAya, prANi-mAtra-rakshakAya, rAma-dUtAya-svAhA
2.0 OAM namO hanumatE, rudrAvatArAya, viSva-rupAya, amita-vikramAya, prakaTa-parAkramAya, mahA-balAya, sUrya-kOTi-samaprabhAya, rAma-dUtAya-svAhA
3.0 OAM na mO hanumatE rudrAvatArAya rAma-sEvakAya, rAma-bhakti-tatparAya, rAma-hRdayAya, lakshmaNa-Sakti-bhEda-nivAraNAya, lakshmaNa-rakshakAya, dushTa-nibarhaNAya, rAma-dUtAya svAhA
4.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya sarva-Satru-saMhAraNAya, sarva-rOga-harAya, sarva-vaSIkaraNAya, rAma-dUtAya svAhA
5.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, AdhyAtmikAdhi-daivikAdhi-bhautika-tApa-traya-nivAraNAya, rAma-dUt ya svAhA
6.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, dEva-dAnavarshi-muni-varadAya, rAma-dUtAya svAhA
7.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, bhakta-jana-mana@h-kalpanA-kalpadrumAya, dushTa-manOratha-stambhanAya, prabha~njana-prANa-priyAya, mahA-bala-parAkramAya, mahA-vipatti-nivAraNAya, putra-pautra-dhana-dhAnyAdi-vividha-sampat-pradAya, rAma-dUtAya svAhA
8.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, vajra-dEhAya, vajra-nakhAya, vajra-mukhAya, vajra-rOmNE, vajra-nEtrAya, vajra-dantAya, vajra-karAya, vajra-bhaktAya, rAma-dUtAya svAhA
9.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, para-yantra-mantra-tantra-trATaka-nASakAya, sarva-jvaracChEdakAya, sarva-vyAdhi-nikRnttakAya, sarva-bhaya-praSamanAya, sarva-dushTa-mukha-stambhanAya, sarva-kArya-siddhi-pradAya, rAma-dUtAya svAhA
10.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, dEva-dAnava-yaksha-rAkshasa-bhUta-prEta-piSAca-DAkinI-SAkinI-dushTa-graha-bandhanAya, rAma-dUtAya svAhA
11.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, pa@Mca-vadanAya pUrva-mukhE sakala-Satru-saMhArakAya, rAma-dUtAya svAhA
12.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, pa~nca-vadanAya dakshiNa-mukhE karAla-vadanAya, nArasiMhAya, sakala-bhUta-prEta-damanAya, rAma-dUtAya svAhA
13.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, pa~nca vadanAya paScima-mukhE garuDAya, sakala-visha-nivAraNAya, rAma-dUtAya svAhA
14.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, pa~nca vadanAya uttara mukhE Adi-varAhAya, sakala-sampat-karAya, rAma-dUtAya svAhA
15.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, urdhva-mukhE, haya-grIvAya, sakala-jana-vaSIkaraNAya, rAma-dUtAya svAhA
16.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, sarva-grahAna, bhUta-bhavishya-varttamAnAn- samIpa-sthAn sarva-kAla-dushTa-buddhInuccATayOccATaya para-balAni kshObhaya-kshObhaya, mama sarva-kAryANi sAdhaya-sAdhaya svAhA
17.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, para-kRta-yantra-mantra-parAhaMkAra-bhUta-prEta-piSAca-para-dRshTi-sarva-vidhna-tarjana-cETaka-vidyA-sarva-graha-bhayaM nivAraya nivAraya svAhA
18.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, DAkinI-SAkinI-brahma-rAkshasa-kula-piSAcOru-bhayaM nivAraya nivAraya svAhA
19.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, bhUta-jvara-prEta-jvara-cAturthika-jvara-vishNu-jvara-mahESa-jvara nivAraya nivAraya svAhA
20.0 OAM namO hanumatE rudrAvatArAya, akshi-SUla-paksha-SUla-SirObhyantara-SUla-pitta-SUla-brahma-rAkshasa-SUla-piSAca-kulacChEdanaM nivAraya nivAraya svAhA